प्यार का गुनाह
किया एक गुनाह की मुझसे प्यार हो गया,
सजा ऐसी मिली कि जैसे जिंदगी में अंधेरा हो गया।
तुम्हारे साथ जो प्यार था वह भूतकाल हो गया,
यह दिखने वाला दीवाना अब बर्बाद हो गया।
कहने गया दिल की बात वही मेरा स्वर बंद हो गया,
रखी थी तुम्हें पाने की आस मगर वो भ्रमर हो गया।
हुआ इस जहां को जैसे "मित्र" देवदास हो गया,
पर गलत साबित हुआ यह बंदा तो बिंदास हो गया।
{✍️मनिष कुमार "मित्र" 🙏}