दिल ए यार तसल्ली, नई नई सहर देगा,
बेताब दिल की धड़कन ,नई डगर देगा;
आह नीकलती है, चोट लगने पर कभी,
जख्म भी जायज़ है, मरहम मगर देगा ;
दिल्लगी की आदत है, सताएगा बहुत ही,
आगोश में लेती कैफियत,भरी नज़र देगा;
चाहत ही राहत है ,पेशगी हाल ए दिल की,
कुर्बान दिल नूरानी, निगाहें तर-बतर देगा;
आनंद रूठी कहां है , मयखाने की सुराही,
हकीकी हुश्न का जाम ,याराना भर कर देगा;
-મોહનભાઈ આનંદ