*रुबरु मिलने का मौका नही मिलता..,*
*पर आज तकनीक के इस युग मे दूरियां कहाँ रही हैं..,*
*इसीलिए अभिवादन रूबरू जैसा ही कर लिया जाएं अपनों से... !!!*
*संसारिक जीवन मे प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में, मुझसे श्रेष्ठ है।*
*अतः मैं आप जैसे श्रेष्ठ महानुभाव को हृदयतल की गहराइयों से प्रणाम करता हूं...!*
*आपको ओर आपके प्रियजनों को मेरी औऱ से दीपोत्सव पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं...!*
*👏💐💐 👏*
आपका अपना
रघुनाथ सिंह राठौड़