कविता#नवरात्रि
मैंने श्रद्धा की जोत जलाई
तेरे द्वारे पर मैं चली आई
अब तो दर्श दिखा दे अंबे मां।
हम तेरे बालक भोले भाले
भक्ति भाव से तुझे पुकारे
अब तो झलक दिखा दे अंबे मां।
दुख दरिद्रता ने मुझे घेरा
तुझ बिन कौन हरे दुख मेरा
अब तो बेड़ा पार लगा दे अंबे मां।
सरोज ✍️
-Saroj Prajapati