राधा कृष्ण के प्रेम की 5 अनोखी बातें
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भगवान श्री कृष्ण और राधा का संबंध आमतौर पर पति-पत्नी का नहीं बल्कि प्रेमी-प्रेमिका के रूप में जाना जाता है। हलांकि ब्रह्मवैवर्त पुराण में दोनों के विवाह की कथा भी मिलती है और विवाह स्थल का जिक्र भी किया गया है। इसके बाद भी भगवान श्री कृष्ण के साथ कहीं भी उनकी पत्नियों की तस्वीर या मूर्ति नहीं मिलती है। हर जगह श्री कृष्ण के साथ राधा ही नजर आती हैं। इसकी वजह यह है कि 16108 पत्नियों पर राधा का प्रेम भारी था। यह बात भगवान श्री कृष्ण ने खुद रुक्मिणी को बताई थी।
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एक बार सूर्य ग्रहण के समय देवी राधा माता यशोदा और नंद बाबा के साथ कुरुक्षेत्र आयी थी। उस समय भगवान श्रीकृष्ण का रुक्मिणी से विवाह हो चुका था। यहां पर राधा और कृष्ण की भेंट हुई और रुक्मिणी ने भी पहली बार राधा को देखा। रुक्मिणी ने राधा को गर्म दूध पीने के लिए दे दिया। राधा ने इस दूध को पी लिया इससे भगवान श्री कृष्ण के शरीर पर फफोले हो गए।
रुक्मिणी ने जब श्री कृष्ण के शरीर पर फफोलों को देखा तो इसका कारण पूछा। श्री कृष्ण ने बताया कि राधा के गरम दूध पीने से उन्हें ऐसा हुआ है क्योंकि राधा उनके हृदय में रहती हैं। राधा को कष्ट होने पर असर मुझ पर होता है। यह तो राधा कृष्ण के प्रेम की गहराई की झलक मात्र है। इनके प्रेम की कुछ और भी रोचक बातें हैं।
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राधा और भगवान श्रीकृष्ण में आयु का बड़ा अंतर था। देवी राधा श्री कृष्ण से बड़ी थी। ऐसी कथा है कि भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर देवी राधा अपनी माता कीर्ति के साथ नंदराय जी के घर नंदगांव आयी थी। उस समय राधा करीब 11 महीने की थी और माता की गोद में बैठी थी जबकि श्रीकृष्ण पालने में झूल रहे थे। वैसे कहीं कहीं राधा कृष्ण में 5 साल का अंतर भी बताया जाता है।
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देवी राधा का विवाह भगवान श्री कृष्ण की माता यशोदा के भाई रायण से हुआ था। इस तरह से देखा जाए तो राधा श्री कृष्ण की मामी थी।
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राधा कृष्ण के प्रेम का एक अनोखापन आज भी निधिवन में दिखता है। कहते हैं यहां आज भी हर रात राधा कृष्ण आते हैं। माना जाता है कि, यह वही वन है जहां भगवान श्री कृष्ण ने रासलीला रचाई थी।
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