मैं कहां हुं बस, यही सोचता हुं,
तुही तुही दिल ए यार ,सोचता हुं।।
तोड़कर दार ओ दिवार , दुनिया,
महकती खुशबू पार , सोचता हुं।।
चाहत की राह ,अजीब ओ गरीब,
मस्त मौला अंदाज, यार सोचता हुं ।।
हाल ए दिल , शबनमी फूलों पर,
मैं , भीगी भीगी, बहार सोचता हुं।।
आनंद रंज ओ अलम, कहीं नहीं,
दिल ए नूर मैं, आरपार,सोचता हुं ।।