संघर्षशील नारी
नन्ही गुड़िया आती है घर में खुशियां छा जाती है अपने प्यारी किलकारी से खूब सब को लुभाती है।
बेटी बनकर मां-बाप के सपने पूरे कर जाती है छोड़कर बाबुल का घर एक दिन बहु बन जाती है।
करती सबकी सेवा पानी जब ससुराल में जाती है
एक स्त्री मातृत्व का नया रूप जब पाती है ।
बन जाती कुछ दिन में सासु दादी नानी कहाती है निस्वार्थ से सेवा कर एक दिन जग छोड़ कर जाती है।
जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳
vp army ⚔️🇮🇳