गुजर गया वक़्त,हमें आजाद हुए..
सोचती हूँ परिंदों की क्या हालत होती होगी पिंजरे में.
#डॉरीना #हिंदी_का_विस्तार
#अनामिका

-डॉ अनामिकासिन्हा

Hindi Shayri by डॉ अनामिका : 111577041

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