👫काफिला दोस्तो का 👫
काफिला ये शब्द ही कुछ ऐसा है मेरे लिए # सुकून कहों तो भी अच्छा लगता हैं ।
हा मेरी हर एक लिखावट में मेरे दोस्तों की जलक नजर आती हैं। मेरी कविता का वो बेहतरीनसा नगमा है ,तो मेरी कहानियों में प्यार भरा एहसास हैं । ये तो बात हुई लिखावटों की और उसके शब्दों की इसमें कोई दोराय नही की किताब के पन्ने पर लिखे गए एक एक अल्फाज दोस्तों केलिए होते हैं और जिंदगी के हर पहलू में वो मौजूद रहेते हैं मेरे दोस्त । लेकिन जिनके इतने मायने है मेरे लिए तो क्यों नही में ये काफिले के बेहतरीन इंसान से एक छोटीसी मुलाकात करवा दु😍
चाय की चुस्कियां और सिगरेट के छल्ले उड़ाता ,
ये मेरा वो दोस्त जिनका स्कूलके वक़्तसे नाता जुड़ा,
नाम तो उसका जैन के ग्रंथ से रखा गया ,आगम
लेकिन मेरे लिए तो वो "अकड़ू" सा ही ठीक हैं ।
नवरात्रि के नों दिनों केलिए ये दो ही काफि है
बाकी के दिनों में ना भी मिल सके तो उसके लिए माफी हैं।
नाम दोनो के एक जैसे थे परेश लेकिन ,
काम दोनों के बंदरों वाले । 😄
ये तो थे तीन जनाब की तारीफ अब मोहतरमा की तारीफ़ करते हुए की,
वो रंगोली के रंग की तरह थी जो दिवाली पर दिखते है,
उसी तरह ये मोहतरमा भी, कभी कभी हॅसते हुए दिखती थी,
सितारों जैसा नाम था उसका "ट्विंकल" लेकिन,
मुजे उसका नाम घंटी की तरह लेना पसंद था "टीन टीन"
हर इरादे पक्के मिलते है उसके,हर निशान सच्चे लगते
लव मैरेजसे दूर मिलती, अरेंज में भाग लेती,
फिलिग्स का कोई भी पिटारा हो ,
जाबी तो मेरी दक्षा के पास ही मिलती ।
किसी ने कहा था की दोस्ती की इतनी सारि बाते कैसे लिखोगे इस छोटे खत में,
जवाब मे बस इतना कहा की बेशक में दोस्ती के बारे में नही लिख सकती लेकिन दोस्त की कुछ बातें भी ना लिख सकी तो क्या फायदा लफ़्ज़ों के खेल का शोख रखने से।
_ हेतु
-Hetal