नफ़रतों में भला रखा क्या है |
जलते रहने से फ़ायदा क्या है ||
बात करते नहीं हैं हमसे वो|
हमने ऐसा भला कहा क्या है||
दूरियाँ क्यूँ बढ़ा रखीं तू ने|
मेरी इतनी बड़ी ख़ता क्या है ||
मैने तुमसे नहीं छुपाया कुछ|
फिर तो तुमसे दग़ा किया क्या है ||
झूठी क़समें जो खा रहे हो तुम|
ऐसी क़समों में फिर रखा क्या है ||
मैं मनाऊँ भला तुझे कितना|
इतनी जल्दी तू रूठता क्या है||
जो भी आलोक को बुरा समझें|
उनसे रिश्ता मेरा बचा क्या है||
-Vandana Pandey