My Childhood Poem...!!!
यारों बचपन कितना खूबसूरत-सा था
तब बस खिलौने ही ज़िंदगी थे ✨
आज वक़्तकी दहलीज़पे बड़े तो हो गए
पर अब ज़िंदगी एक खिलौना है
कल बारिश की नावों में ही ज़िंदगी थी
आज ज़िंदगी ख़ुद एक नाव-सी है
कल न कलकी फ़िक्र न आजका ग़म
आज हर पल बस ग़म ही ग़म है
कल दोस्तों की रमझट में दिन कटते थे
आज हर दीन एक नई उलझन है
कल लट्टू ग़िली-दंडों लखौटी खुशी थी
आज ज़िंदगी ख़ुशी के लिए लट्टू है
कल मासूमियत हर अदामें छलकती थी
आज मासूमियत एक ख़्वाब-सी है
कल प्रभुजी हर-सूँ हर चेहरेमें दिखते थे
आज ज़िंदगी ख़ुद प्रभुकी तलाशमें है
✍️🥀🌹🌹☘️🙏☘️🌹🌹🥀✍️