My Meaningful Poem..!!!
यारों तलाश ग़र सुकून की हो
आपको तो सजदों में दिल से रोया करो
हक़ीक़त में ग़र अमन-ओ-चैन
आप चाहते हो तो सजदों में रोया करो
मर्ज़-औ-ग़म से ग़र सिफ़ा भी
चाहते हो आप तो सजदों में रोया करो
बदलाव ग़र अपने हालातोंमें भी
चाहते हो आप तो सजदों में रोया करो
आफ़त-ओ-बल़ाओ से भी ग़र
निज़ात चाहते हो तो भी सजदों में रोया
प्रभुजी चारों प्रहर सुनत है प्रार्थना
दिल से बच्चों-सा सजदों में रोया करो
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