# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .हमला "
# कविता ***
गद्दार चुपके से ,हमला करते ।
सामने आने से ,सदा डरते ।।
अपनी गद्दारी ,का परिचय देते ।
विश्व की आँखों में ,धुल झोकते ।।
सैनिकों की ,निर्मम हत्या करते ।
अपने को वीर बताने ,की कोशिश करते ।।
वो एक नंबर के ,धोखेबाज होते ।
पेट में धुस कर ,चालाकी से मारते ।।
उनका जरा भी ,भरोसा नहीं किया करते ।
वो तो मित्रता के नाम ,पर कलंक ही होते ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।
-Brijmohan Rana