छोड़ तुं ये मंगल #अमंगल ;
क्यों मचा है दिलमें दंगल?
छोड़ दो तुम मुर्त कुमुर्त;
जीयो जी भरके हर पल;
जीवन में ज्यादा ना सोच,
ये है अंधश्रद्धा का जंगल;
जन्म अगर यहां है मंगल;
तो ये मोत क्युं है #अमंगल ?
जैसे करता रहेगा तुं कर्म,
मीलेगा तुझे वैसे ही फल;
#अमंगल