कुछ सपने अधूरे हैं...
जिससे धीरे धीरे पूरे करने हैं
बहते पानी सी है ज़िंदगी
धीरे धीरे से पूरी करनी है
उम्मीदें हैं मुझसे हैं थोड़ी सी ज़्यादा लोगों की है
चुन चुन के उसे पूरी करनी है
मैं सितारा तो नहीं आसमान का
मगर एक दिन चमकना है
क्योंकि कुछ सपने अभी भी दो अधूरे है....
हृदयस्पर्शी
हर्षिल पटेल