"जिंदगी रंगीन होनी चाहिए,
ब्लैक एंड व्हाइट तो टीवी भी होते हैं।
जिंदगी खुशनुमा होनी चाहिए,
गमगीन तो मातम हुआ करते हैं।
आज कल घरों में डाइनिंग टेबल तो है,
लेकिन साथ में खाना खाने वाले नहीं होते।
घरों में मंहगे सोफ़ा तो है,
लेकिन साथ बैठ कर गुफ्तगू करने वाले नहीं होते ।।
घरों में टीवी विद फायर स्टिक तो होते है,
लेकिन साथ बैठ कर कोई देखने वाले नहीं होते।
घरों में मंहगी गाड़ियां तो होती है,
लेकिन उन गाड़ियों में साथ जाने वाले नहीं होते।।
घरों में छोटे-छोटे बच्चे तो होते है,
लेकिन उन बच्चो के साथ बच्चा बनने वाला वो लोग नहीं होते।
घरों में अपने तो होते है,
लेकिन अपना पन दिखाने वाले नहीं होते।।
क्रमशः...................।।
M.S.Nigam