शक्रगुजार है दिल, जिसने रहेमत पाई है
दुआ किसीकी दिल , आज काम आई है
मन्नतों का दोर, बहुत चला मन के फेरे मैं
दिल को मिला आराम, मन्नत काम आई है
ओ रहेमत ए दिल फरिस्ता,गज़ब है तु ही
नेकदिल वाले की नज़र, नूरानी यहाँ छाई है
हुन्नर हकीकी गजब,मार कर ज़िंदा कर देती
आब ए हयात पिलाती, कुरबानी बस पाई है