में तो निकला हुं प्यार बांटने यहाँ
नफरत करना अब यहाँ #निषेध है

बांहें फेलाये अब खड़ा हुं राहमें
आप सब दोस्त मेरे लिए विषेश है

एकबार बस गये जो दिल में तो
दिल से निकलना फिर #निषेध हैं

#निषेध

Hindi Poem by વિનોદ. મો. સોલંકી .વ્યોમ. : 111530207

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