💢💢वक्त नहीं 💢💢
हर खुशी है लोगों के पास
पर एक हंसी के लिए वक्त नहीं
दिन-रात दौड़ते इस जहां में खुद के लिए वक्त नहीं!!
मां की प्यार की एहसास तो है,
पर मां को मां कहने का वक्त नहीं
सारे रिश्तों को तो हम कब के मार चुके हैं,
इस आपाधापी जीवन में,
अब उन्हें दफनाने का भी वक्त नहीं!!
बड़ी अचरज की बात है
सारे नाम मोबाइल में है
पर दोस्ती के लिए वक्त नही!!
गैरों की क्या बात करें'
जब अपनों के लिए ही वक्त नहीं
आंखों में नींद तो बहुत है"
पर सोने का वक्त नही!!
दिल है गमो और दुखों से भरा हुआ'
पर इस आपाधापी में,
रोने का भी वक़्त नहीं!!
पराए एहसासों की क्या बात व कद्र करें'
जब अपने सपनों के लिए ही वक्त नही!!
तू ही बता ए जिंदगी?
इस जिंदगी का क्या होगा?
कि हर पल मरने वालों को"
जीने के लिए भी वक़्त नहीं!!
तुम ही बताओ जिंदगी तुझे ,जीने के लीऎ वक्त नहीं"
हर खुशी है लोगों के पास,
पर खुद के जीवन के लिए वक्त नहीं!!