मन और विचारोंको मृत अवस्थामे धकेलते हुए हम खुदही जीवनके मधुर अमृतको हर एक मोड़पे ठुकराते रहते है!
हम जिन्दगीको दोष देते रहते है, कोशते रहते है; फ़िरभी जिंदगी बारबार नए रूपमे आती है, मुस्कुराती है, और हमारे मृतपाय मन को कहती है, "आ मेरे साथ, हम साथ मिलके जिंदगीके हर रंग को समेट लेते है! मैं महसूस करती हूं तेरे हर एक लम्हो को, जो तूने मेरे साथ जीए थे"
वो मन मुह फेर लेता है, जिंदगी फिरभी मुस्कुराती हुई आश लगाए रहेती है!
~~ के व्यास
#मृत