** कविता **
* * विषय .उम्मीद **
उम्मीद की पतवार ,को तू थाम लें ।
खुशीयों का भवसागर ,तू पा जायेगा ।।
वक्त की चाल को ,तू पहचान लें ।
मंजिल अपने आप ,तू पा जायेगा ।।
किसी के दिल ,को तू पहचान लें ।
अपना उसे पल ,में बना लेगा ।।
आंसूओं के दर्द ,को तू जान लें ।
आँख का तारा ,पल में बन जायेगा ।।
मीठी बोली को ,तू जिह्वा पर सजा लें ।
परायों को पल ,में अपना बना लेगा ।।
दूसरों के लिए ,अपना जीवन लुटा दें ।
मर कर भी तू सदा ,अमर बन जायेगा ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।