# आज _ की _प्रतियोगिता "
# विषय _ संतुलन "
# छंदमुक्त _ कविता ***
जीवन में अच्छे बुरे ,का संतुलन होना चाहिए ।
जीवन तो माप तोल का ,उदाहरण होना चाहिए ।।
आपकी अच्छाई देख कर ,लोग तुम्हें आँखों पर बिठा लें ।
बुरे काम से सदा ,बचते रहना चाहिए ।।
सुख दुःख तो ,धुप छांव की तरह है ।
धैर्यपूर्वक उनका ,मुकाबला करना चाहिए ।।
पैसा पाकर ,कभी छलके नहीं ।
पैसा न होने पर ,भी अफसोस न करें ।।
दिल में आशा निराशा का ,संतुलन होना चाहिए ।
संतुलित जीवन ही ,खुशहाल रखता है ।।
हर परिस्थिति में ,महकते चहकते रहना चाहिए ।
कहता बृजेश संतुलित जीवन ,ही सुख का आधार है ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।