कैसे कहुं? मुझे जरूरत नहीं,
में खुश हुं अपने हालातों में;
छोड़ गये हमें आज जो पीछे,
खो गये हैं उन्ही के ख्यालों में;
दिन को चेन है न रात में नींद,
आते वो अक्सर मेरे ख्वाबों में;
ढुंढता हुं में उसे हर सवालों में,
मीलते नहीं वो कीसी जवाबों में;
क्या करुं? कैसे मीलुं में उन्हें?
क्या मीलेंगे वो प्यार के हिसाबों में?
....✍️वि. मो. सोलंकी "विएम"