ए हुजूर !
जानते हैं दिल था चकनाचूर
खुशियों से हो गए थे दूर
पर इसमें दिल का क्या कसूर ?
यह तो है वह पुरानी बातें
ना याद करें वह गमगीन रातें
दिल को दर्द से कर दीजिए दूर
न गुमाएं अपना यह नूर Bindu A.
बन जाइए अपना ही गुरुर
और हां! मुस्कुराइएगा जरूर!
ए हुजूर !