#मूर्ख
कुदरत ने कहर है ढाया,
क्योंकि, तूने विष है फ़ैलाया ।
कभी बीमारी, कभी भूकंप-आँधी,
यह, परिणाम बन के है आया।
बहुत प्यार इस माँ ने था दिया,
बस तू मूर्ख समज न पाया।
बलि चढ़ाई उसकी ममता की,
लेके अपने अरमानो का साया।
इसलिए,आज माँ अम्बे ने,
माँ काली का रूप है दिखलाया।
Mahek Parwani