पापा सब कुछ पता होते हुए आप फिर से ताऊजी से बोलने लगे। पता है ना आपके सीधेपन का हमेशा फायदा उठाया है उन लोगों ने!"
"बेटा उनकी करनी उनके साथ, मेरी करनी मेरे साथ। छल कपट करना मेरे स्वभाव में नहीं। "
"आपके स्वभाव में नहीं! पर वह तो दिल के कितने बुरे हैं आपको तो पता है ना! और पता सारी दुनिया को है। बस पैसा वाले होने के कारण उनके मुंह पर नहीं कहते लेकिन पीठ पीछे तो उनकी बुराई करते नहीं थकते!"
"ओहो! मेरी बिटिया तो बहुत बड़ी हो गई है। अच्छा यह बता तेरे पापा के बारे में लोग क्या कहते हैं!"
"बुद्धू कहते हैं आपको! "वह हंसते हुए बोली।
"बस और कुछ नहीं!"
"हां हां कहते हैं ना कि तेरे पापा जैसे दिल का अच्छा इंसान मिलना मुश्किल है ! जो हमेशा सबकी भलाई के बारे में सोचते हैं।"
"बस बेटा यही तो मेरी जमा पूंजी है। जो मेरे साथ जाएगी। मैं चाहूं भी तो किसी का बुरा नहीं सोच सकता क्योंकि मैं दिल का बुरा नहीं हूं।"
सरोज ✍️