#कीमती
प्रतिदिन...
बूंद-बूंद पानी कि कीमत समझिये
वक्त एक दिन ऐसा कहर ढायेगा ,
प्रकृति का रंग-रूप ढ़ल जाएगा
नदी-नाले-झील-कुएँ सूख जाएंगे ,
पेड़-पौधे-वन्य जीव मृतप्रायः बन जाएंगे
लोग भूख-प्यास से कंकाल बन जाएंगे ।।
रुह तड़प-तड़प कर प्यासी मर जाएगी
धरा का निर्मल ह्रदय चिल्ला उठेगा
मौत का भंयकर तूफ़ान आएगा ,
भूमि रूद्र तांडव नृत्य करेंगी
आभ नग्न मस्तक झुक जाएगा ,
हवा का रुख थम जाएगा
मिट्टी लथपथ लहू पियेंगी
संसार का गर्भ कमल उजड़ जाएगा ।।।
...✍ शेखर खराड़ी ईड़रिया
६/६/२०२०