#शांतिपूर्ण
सुंदरता को कहाँ ढूंढे रे बंदे?
वो तो है तेरी दृष्टि में।

परमात्मा को कहाँ ढूंढें रे बंदे?
वो तो है विश्वास में ।

प्यार को कहाँ ढूंढे रे बंदे?
वो तो है अहेसास में ।

शांति को कहाँ ढूंढे रे बंदे?
वो तो है संतोष में ।
Mahek Parwani

Hindi Poem by Mahek Parwani : 111462153

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