शांतिपूर्ण सा जीवन था
ये क्या कोहराम मचा गया
प्रकृति से खिलवाड़ का
क्या होगा परिणाम
झलक ये दिखा गया
विकास के नाम पर
जो दर्द धरती माँ को दिया
बिलख रही माता का
रूदन अनसुना किया
आज कॅरोना काल ने
सबक ये सिखला दिया
प्रकृति के साथ ,चलना है
विकास के पथ पर
शांतिपूर्ण गुजरना है।