#सभ्य

निर्ममता से मारा गज को
ये कैसी है बर्बरता?

मानव होकर पशु को मारे
यह तेरी है विक्षिप्तता!

शक्ति अबोध पर आजमाये
सिर्फ है तेरी नपुंसकता।

एक नहीं दो-दो को मारा
करे विलाप आज ममता।

बैठा रहे जो मौन धारकर
सभ्य समाज नही हो सकता।
-कीर्ति प्रदीप वर्मा

Hindi Poem by Keerti Verma : 111460887
shekhar kharadi Idriya 4 year ago

यर्थाथ सत्य चित्रण...

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