आखिर इस जीवन संघर्ष से डरना क्यों है
आखिर मृत्यु से पहले मरना क्यों है
ना मिटेंगे ना झुकेंगे इस समर में
जीतकर निकलेंगे इस समर से
जब है साधन जीवन का तो मृत्यु बाण सहना क्यों है
आखिर मृत्यु से पहले मरना क्यों है
प्रकृति को रौद्र रूप होने पर विवश करते क्यों हो
काल को प्राण लेने पर विवश करते क्यों हो
है करीब जीत के, इस विजय को पराजय में बदलना क्यों है
आखिर मृत्यु से पहले मरना क्यों है।
कहते हैं जीवन की बस यही रीत है
कहीं हार तो कहीं जीत है
परंतु करो इस दिशा में तुम प्रयास
ना हो अकाल पृथ्वी का विनाश
आखिर जीवन संघर्ष से डरना क्यों है
आखिर मृत्यु से पहले मरना क्यों है
✒️✒️ सौरभ