# आज की प्रतियोगिता "
#विषय .धौसला "
# कविता ***
पक्षी पेड़ पर ,धौसला बनाते ।
ताकी कोई वहाँ ,तक पहुँच न सके ।।
धौसला धास व तिनको ,से बनाते ।
धौसला बना कर ,अपने बच्चों को रखते ।।
धौसला पक्षी व बच्चों का ,आश्रय होता ।
गौरया चिडीयाँ धौसला ,बनाने में माहिर होती ।।
लोग उसके धौसले ,की बनावट की तारिफ करते ।
एक कुशल इंजीनियर भी ,ऐसा काम नहीं कर पाता ।।
धौषला वर्षा और आँधी ,से बच्चों की रक्षा करता ।
धौषला बच्चे बड़े ,होने तक ही रहता ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।