मुजरिम हूं तेरा आ। मुझे जो चाहे सजा दे
इस दिल में मोहब्बत की सनम आग लगा दे
जज्बात का दिल में कोई तूफान उठा के
कहते हैं जिसे प्यार जमाने को दिखा दे
दुनिया से कभी प्यार का शिकवा ना करूंगा
ले हाथ में खंजर मेरी गर्दन को उड़ा दे
इन मस्त निगाहों से सरे शाम पिलाकर
दीवाने को कुछ और ही दीवाना बना दे
आ ।।। प्यार की इस राह से कांटो को हटाकर
दुश्मन को जलाने के लिए फूल बिछा दे