कविता
विषय .नन्हों की करामात ।
नन्हें हाथों से हम ,इतिहास लिखेगें ।
कर्मशील बन कर ,भारत का विकास करेगें ।।
परिश्रम करके रुठे भाग्य ,को भी बदल देगें ।
भाग्य के भरोसे कभी ,हम न बैठें रहेगें ।।
फिर कोई भुखा ,नंगा ,देश में न रहेगा ।
अपने नन्हें हाथों से ,आंसू पोछ लेगें ।।
नये प्रयासों से भारत ,की गरीबी हटा देगें ।
पढ़ लिख कर नये ,इतिहास लिखेगें ।।
भाईचारे की अनुठी ,मिशाल बना देगें ।
मानवता की सुदंर ,गंगा बहा देगें ।।
हम बड़े होकर ,भारत के कर्णधार बनेगें ।
बृजेश अपनी बुद्धि से ,सबके दिल जीत लेगें ।।
बृजमोहन रणा (बृजेश ) ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।