लाॅकडाउन में लिख दिया उपन्यास
लाॅकडाउन का लंबा समय उदासी में निकल गया फिर लगा कि कुछ करना चाहिए। एक साझा उपन्यास लिखने की योजना बनी। देश के अलग अलग शहरों से पाँच लेखिकाओं का समूह बनाया गया। व्हाट्स अप पर एक ग्रुप बनाकर एक कहानी दिमाग में थी उस पर चर्चा शुरू की। हर कड़ी लिखने के बाद ग्रुप पर डाली जाती उस पर चर्चा होती और कहानी को आगे कैसे बढ़ाया जाय इस पर विचार किया जाता। एक दिन का समय थोड़ा कम तो होता दो हजार से ज्यादा शब्दों की कड़ी लिखने के लिए लेकिन देर रात सुबह जल्दी उठकर कड़ी लिखी जाती। इस तरह बीस दिन में बीस कडियों पैंतालीस हजार शब्दों का एक उपन्यास लिखा गया देह की दहलीज पर । जो उम्र के एक खास पडाव पर महिलाओं और पुरुषों में होने वाले हार्मोनल बदलाव के चलते आपसी रिश्तों में होने वाले परिवर्तनों तनाव और इनके समाधान की कहानी है। उपन्यास में चार जोड़े हैं और एक युवा लड़की। सभी अपनी अपनी समस्याओं के साथ एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
उपन्यास देह की दहलीज पर कल 07/05/2020 से मातृभारती पर हफ्ते में तीन दिन प्रकाशित होगा। जिसे लिखा है कविता वर्मा इंदौर
वंदना वाजपेयी दिल्ली
रीता गुप्ता रांची वंदना गुप्ता
उज्जैन और
मानसी वर्मा पूना ने।