#शिष्ट
भर दे अपने मन मे भव्यता,
फिर देख दुनिया मे कहाँ बचती है दरिद्रता?
भर दे अपने दिल मे प्यार,
फिर देख संसार मे कहाँ बचती है नफरत?
पहेन देख चोला अपनेपन का,
फिर देख कहाँ बचता है परायापन?
भर दे उजियारा इन आँखों मे,
फिर देख कहाँ बचता है अँधेरा?
भर दे शिष्टाचार अपने किरदार में
फिर देख कहाँ दिखती है बेअदबी?
Mahek Parwani