#शिष्ट
#शिष्ट
हमने तो एक महल बनाया पर मुमताज की मोहब्बत ने उसे ताजमहल का नाम दीया ।।
ईश्क अगर अल्लाह की इबादत हो तो वह हमने
किया था चद पल एहसासों के हमने एसे चुराए
दुनिया को कुछ दे जाने का हमारा भी सपना था
कहते हैं इंसान जिंदा नहीं रहते तो यह इमारततो जिंदा रहेगी जिसको हमारे प्यार ने तराशा था ।
हमने तो एक महल बनाया पर मुमताज की मोहब्बत ने उसे ताजमहल का नाम दीया ।।
यमुना नदी के तट पर हमने सफेद संगेमरमर से
मजदूरों की मेहनत से कुचऐसा शिष्ट बनाया था
जो दिन में हल्का गुलाबी शाम को दूधेरी सफेद
और रात को हल्का सुनहरी कलर से कुछ ऐसा सजाया था देखने वाले उसे देखते ही रह जाते ।
हमने तो एक महल बनाया पर मुमताज की मोहब्बत ने उसे ताजमहल का नाम दीया ।।
आने वाले समय में हम न रहेंगे न मुमताज रहेगी
पर हमारी यह प्यार की निशानी ताजमहल दुनिया में हमेशा कायम रहेगी वह एक दुआ से उसे कुछ
ऐसा बनाया था जब बारिश की पहली बुंदे हमारे मकबरे पर गिरेगी हमारी मोहब्बत हमेशा जिंदा
रहेगी सोचने शिष्ट ताजमहल को जिंदा रखा है ।
हमने तो एक महल बनाया पर मुमताज की मोहब्बत ने उसे ताजमहल का नाम दीया ।।
सुनीलकुमार शाह ✍️