बहते रहेना ,थोडा सा सहेते रहना है
नदियॉ बनकर , दिल बहेते रहेना है
अश्कों की भीड , चीर कर निकलते
गोरे गाल पर, जिंदगी बहेते रहेना है
मुमकीन नही, हाल ए दिलकी सुन ले
फिजा़ की फितरतमें दिल को रहेना है
मौजौं की परवाह , नही करते सफर में
कस्ती को तूफान से, बचाकर रहेना है
फितरत हमारी है, ईबादत में डुब जाना
हाल ए दिल मस्त ही, फकीरी में रहेना है