ज़ल्वा तेरा गज़ब है , हुश्न तेरा गज़ब है
गौहर ए दिल आईना, अंदाज़ गज़ब है
पाया सुकुन दिल,हसीन एक मुस्कानसे
फूल भी शरमाए, यह अंदाज़ गज़ब है
खोकर खयालात , हुश्न ए दिल माह का
उतर आया ज़मीं पर,यह अंदाज़ गज़ब है
कूहु कूहु, कोयलीयाँ, मीठे वचन मकबूल
शहद में दिल डुबाए,यह अंदाज़ गज़ब है
महक चंपा-चमेली, गुलजाऱ भी शरमाए
महकाए दल ओ दिमाग़, अंदाज़ गज़ब है
हवा का रुख जरा़, अहेसान मंद अाप का
महेकाता रुह को भी, यह अंदाज़ गज़ब है