ईतमिनान इतना ही , रख लिजिए,
आप ही में तसरिफ , ला दिजिए;
मिलकर तो बिछड जाते है हरदम,
जिस्मी साये से, छुडा ही लिजिए;
सफर है कुचेसे ,कब्र तक ही अपनी,
बस महोबतमे फूलों से, सज़ा दिजिए;
रुठ भी जायेगे ,बिमारे गम़ ईश्क में
मनाही ईबादत में, दिल लगा दिजिए;
आरजू ओर जुस्तजु, करली है बहुत,
लहद में ,दिल ए यार लगा ही दिजिए;