माँगे हैं मैंने,
मां की ममता के लिये ये क्षण,
सूरज से उसकी पहली किरण की रोशनी
जिससे तुम्हारे जीवन में हरदम उजाला रहे,
चांद से मांगी है शीतलता
जिसमें तुम यूं ही अपनी उजास छवि को
कायम रख सको,
फिर चाही है फूलों से मैने, एक छोटी सी सौग़ात
जिसमें मुस्कान के साथ हो तुम्हारी #उज्ज्वल हँसी,
उसमें समाई हो सिर्फ खुशी और खुशी,
जिनमें हर एक पल हो, सुकून बस सुकून का
और मां गंगा से मांगी है मैने निर्मलता
तुम सदा यूं ही पावन रहो,
सबकी मनभावन रहो।
© सीमा 'सदा'