फूलों का अपना कोई परिवार नहीं होता
खुशबू का अपना कोई घर द्वार नहीं होता,
हम गुजरे कल की आँखों का सपना है,
क्यों माने सपना कोई साकार नहीं होता।
अच्छे लोगों का बहुमत है इस दुनिया में
अगर ऐसा न होता तो यह संसार नहीं होता
कितने ही अच्छे हो कागज पानी के रिश्ते,
कागज की नावों से दरिया पार नहीं होता
हिम्मत हारे तो सब कुछ नामुमकिन लगता है
हिम्मत कर ले तो कुछ भी दुश्वार नहीं होता
ये दीवारें घर जैसा सम्मान नहीं पाती
जिनमें कोई खिड़की कोई द्वार नहीं होता
जगदीप सिंह मान 'दीप'
#विश्व