दिल में जो है वही जुबान पे हैं,
और कोई मुझमें खास बात नहीं..!
सबने दुत्कार के दरकिनार किया,
एक बस खुद ही से निजात नहीं..!
खुलकर मिलते है सभी से पर,
जहन में कोई छूत-छात नहीं..!
एक तालुक सभी से है लेकिन,
सबसे जायज़ ताल्लुकात नहीं..!
यह शायरों की बस्ती है साहब,
यहाँ शरीफ़ो की कोई जगह नहीं..!
S.A