आज भगवान विष्णु अवतार श्री राम की आज रामनवमी है रामनवमी के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई आज मां सिद्धिदात्री का भी शुभ दिन है माता को बारंबार प्रणाम नमन नमस्कार और यह है आज की विष्णु आरती -ब्रह्मदत्तसभी विष्णु भक्तों जय श्री सत्यनारायण
-(ब्रह्मदत्त त्यागी)-
भगवान श्री हरि विष्णु जी की आरती
ॐ-जय जगदीश हरे, प्रभु!जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट,छन में दूर करे॥
जय जगदीश हरे
जो ध्यावै फल पावै,दु:ख बिनसै मनका।
सुख सम्पत्ति घर आवै,कष्ट मिटै तनका॥
ॐजय जगदीश हरे
मात-पिता तुम मेरे,शरण गहूँ किसकी।
तुम बिन और न दूजा,आस करूँ जिसकी॥
ॐ-जय जगदीश हरे
तुम पूरन परमात्मा,तुम अंतर्यामी।
पार ब्रह्म परमेश्वर,तुम सबके स्वामी॥
ॐ-जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर,तुम पालनकर्ता।
मैं मुरख खल कामी,कृपा करो भर्ता॥
ॐ-जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर,सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय,तुमको मैं कुमती॥
ॐ-जय जगदीश हरे
दीनबन्धु, दु:खहर्ता तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ,द्वार पडा तेरे॥
ॐ-जय जगदीश हरे
विषय विकार मिटाओ,पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढाओ,संतन की सेवा॥
ॐ-जय जगदीश हरे ॐ-जय जगदीश हरे,
माता-पिता-पितामह-स्वामि-सुहृद्-भर्ता।विश्वोत्पादक पालक रक्षक संहर्ता॥
ॐ-जय जगदीश हरे
साक्षी, शरण, सखा,प्रिय प्रियतम, पूर्ण प्रभो।
केवल-काल कलानिधि, कालातीत,विभो॥
ॐ-जय जगदीश हरे
राम-कृष्ण करुणामय, प्रेमामृत-सागर।मन-मोहन मुरलीधर नित-नव नटनागर॥
ॐ-जय जगदीश हरे
सब विधि-हीन, मलिन-मति,हम अति पातकि-जन।
प्रभुपद-विमुख अभागी,कलि-कलुषित तन मन॥
ॐ-जय जगदीश हरे
आश्रय-दान दयार्णव!हम सबको दीजै।
पाप-ताप हर हरि!सब, निज-जन कर लीजै॥
ॐ-जय जगदीश हरे