🌹 स्पर्श मिलन एक शाश्वत सत्य🌹
✍️ आज मेरे उदास मानस पटल पर,
तुम्हारी मुस्कुराती छवि
निश्चल प्रेम की,
ठंडी फुहार बरसा कर,
तन - मन को मेरे नहला गई,
स्पर्श के मिलन की,
बरसती हुई बरसात
एक ही छाते मै
हम दोनों,थे
आधे - आधे
गीले सूखे
उस शाम की याद,
हर शाम उदासी से
घेर लेती है मुझे।
और ले जाती है,
उन पद्चिन्हों की ओर,
जिन्हें हम एक यादगार,
अस्तित्व के रूप में,
जीवंत रखकर उसमें,
समा जाने को,
आतुर रहते हैं।
मिलन होने की आस से,
हम हर शाम उन्हीं राहों,
पर भटकते रहते हैं,
कि क्या पता कब किस पल,
फिर हमारी मुलाकात को,
एक शाश्वत
सत्य प्राप्त हो जाए।
डॉ प्रियंका सोनी "प्रीत"