नवरात्रों में दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी का होता है तो आज 26 मार्च दिन बृहस्पतिवार वीरवार गुरुवार माता ब्रह्मचारिणी के रूप में सभी भक्तों के घर में विराजमान हैं ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ माता ब्रह्मचारिणी से निवेदन करता है कि माता अपने सभी भक्तों का कल्याण करो उद्धार करो जय मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि माता ब्रह्मचारिणी
पूजा विधि
देवी ब्रह्मचारिणी जी की पूजा का विधान इस प्रकार
है, सर्वप्रथम आपने जिन देवी-देवताओ एवं गणों व
योगिनियों को कलश में आमत्रित किया है उनकी
फूल, अक्षत, रोली, चंदन, से पूजा करें उन्हें दूध,
दही, शर्करा, घृत, व मधु से स्नान करायें व देवी को
जो कुछ भी प्रसाद अर्पित कर रहे हैं उसमें से एक
अंश इन्हें भी अर्पण करें. प्रसाद के पश्चात आचमन
और फिर पान, सुपारी भेंट कर इनकी प्रदक्षिणा
करें. कलश देवता की पूजा के पश्चात इसी प्रकार
नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता, ग्राम देवता, की
पूजा करें. इनकी पूजा के पश्चात मॉ ब्रह्मचारिणी
की पूजा करें. देवी की पूजा करते समय सबसे
पहले हाथों में एक फूल लेकर प्रार्थना करें "दधाना
करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू. देवी प्रसीदतु मयि
ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा”.. इसके पश्चात् देवी को पंचामृत
स्नान करायें और फिर भांति भांति से फूल, अक्षत,
कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें देवी को अरूहूल का
फूल (लाल रंग का एक विशेष फूल) व कमल काफी
पसंद है उनकी माला पहनायें. प्रसाद और आचमन
के पश्चात् पान सुपारी भेंट कर प्रदक्षिणा करें और
घी व कपूर मिलाकर देवी की आरती करें. अंत में
क्षमा प्रार्थना करें "आवाहनं न जानामि न जानामि
वसर्जनं, पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वरी..
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़