सुप्रभात रविवार इतवार को संडे यानी कि आज सूर्य देव जी का शुभ दिन रविवार है ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ आपको एवं सभी श्री सूर्य भक्त आपको बारंबार प्रणाम नमन नमस्कार करते हैं और जानते हैं सूर्यदेव के विषय में कुछ विशेष जानकारी ब्रह्मदत्त
सूर्य देव मंत्र
|| ॐ सूर्याय नमः ॐ ।।
।। ॐ आदित्याय नमः ॐ ।।
।। ॐ भाष्कराय नमः ॐ ।।
'सूर्य देव एकमात्र ऐसे देव है जो प्रत्यक्ष दिखाई देते है।
इसलिए सूर्य देव की आराधना घर में पूजा स्थल की
जगह बाहर खुले में सूर्य देव के समक्ष करना अधिक
फलदायी है । सूर्यदेव आराधना में सूर्यदेव को जल
अर्पित करना सबसे अधिक महत्व रखता है। इसे हम
सूर्य को अर्घ्य देना कहते है। सूर्यदेव को अर्घ्य देने हेतु
सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और जैसे ही सूर्य
उदय होता है आप पूर्व दिशा की तरफ मुख करके खड़े
हो जाएं। एक ताम्बे के पात्र में जल भरकर इसमें थोड़े
चावल, थोड़ी चीनी, पुष्प डाले व कुमकुम द्वारा जल में
छींटे लगाएं। अब आप सूर्य देव के सामने खड़े होकर
ताम्बे के पात्र द्वारा दोनों हाथों से जल नीचे जमीन पर
छोड़ते जाये। ध्यान दें, ताम्बे के पात्र को अपने सीने के
सामने रखे और सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए पात्र
को कंधो से ऊपर तक ले जाने का प्रयास करें। पात्र द्वारा
नीचे गिरने वाली जलधारा में सूर्य के प्रतिबिम्ब को देखने
का प्रयास करें। ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़