आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई ब्रह्मदत्त त्यागी
सुख के सब साथी ..
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई
मेरे राम, मेरे राम
तेरा नाम एक साचा दूजा न कोई
जीवन आनी-जानी छाया
झूठी माया झूठी काया
फिर काहे को सारी उमरिया
पाप की गठरी धोई
सुख के...
ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा
ये जग जोगी वाला फेरा
राजा हो या रंक सभी का
अंत एक सा होई
सुख के...
बाहर की तू माटी फांके
मन के भीतर क्यूँ न झांके
उजले तन पर मान किया
और मन की मैल ना धोई
सुख के...
मिलन सुख हो तो अच्छा मिलन दुःख से हो तो बुरा साक्षात करना है तो अपना करो
दूसरों पर निर्भर रहने से अच्छा होगा ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़