चलेंगे तब तो मंज़िल मिलेंगी,
थकान लगै तो थोडा रुकना पडेगा,
मगर चलेंगे तब तो मंज़िल मिलेंगी,
आज ना मुमकिन लगेगा,
मगर ना मुमकिन मेही मुनकीन मिलेगा..
चलेंगे तब तो मंज़िल मिलेंगी,
ना कोइ फरियाद रखे दिल मे, और ना कीसी ओर पर
बस चलत रहौ अपनी धुन मैं,
चलेंगे तब तो मंज़िल मिलेंगी,
अगर सच्ची हिमत है तो जरूर मंजिल को आपके पास आना है
बस चलेंगे तब तो मंज़िल मिलेंगी...
Manoj Navadiya