ॐ त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम
उर्वारुकमिव वंदना मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
आज का सुंदर सुशील सुविचार सत्य वचन.. ब्रह्मदत्त
प्रार्थना करने से हमारे विचार शुद्ध होते है।
दर्शन करने से हमारा मन शुद्ध होता है।
कीर्तन करने से हमारा कर्म शुद्ध होता है।
मनोरथ करने से हमारा चित्त शुद्ध होता है।
परिक्रमा करने से हमारा तन मन
शुद्ध होता है।
सेवा करने से हमारी आत्मा शुद्ध होती हैं।
सदा हरि नाम स्मरण करने से जीवन ,
शुद्ध होता है।
जय श्री हरि शरणम् मम् नम:।
शुभ प्रभात.. संपूर्ण संध्या वंदन.. एवं..
शुभ रात्रि वंदन आप सभी को
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ का..ॐ नम :शिवाय जय जय श्री हरि विष्णु